अमृतसर: एक तरफ जहां प्रशासन की तरफ से पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए गांव-गांव में जाकर छापामारी की जा रही है और प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर पुलिस की टीमें काम कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ दीवाली के पटाखे चलने से पहले ही अमृतसर जिले में ए.क्यू.आई. (एयर क्वालिटी इंडैक्स) 236 तक पहुंच गया है, जो काफी खतरनाक माना जाता है।
हालांकि अलग-अलग आंखों व सांस की बीमारियों से प्रभावित लोगों को ए.क्यू.आई. अधिक होने के कारण इसके लक्षण आने शुरू हो गए हैं और लोगों को सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन आदि हो रही है। दमे के मरीज सांस लेने में दिक्कत महसूस कर रहे है। दूसरी तरफ पुलिस व प्रशासन की तरफ से एन.ओ.सी. मिलने के बाद अमृतसर के न्यू अमृतसर क्षेत्र में पटाखों के 10 खोखे भी सज गए है लेकिन इनमें अभी तक रौनक नजर नहीं आ रही है। महंगाई की वजह सेप टाखों के दामों में भी 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ौतरी हुई है, ऊपर से सरकार ने सिर्फ ग्रीन पटाखे बेचने व चलाने के आदेश दे रखे है और ग्रीन पटाखों की कीमत आम पटाखों की तुलना में काफी ज्यादा होती है क्योंकि इसमें अच्छी क्वालिटी का मैटीरियल इस्तेमाल किया जाता है।
जिन लोगों के नाम अलॉटमैंट वह खोखो पर मौजूद नहीं
प्रशासन की तरफ से अलॉटमैंट के समय 1292 आवेदनों में से 10 लोगों के नाम का ड्रा निकाला गया था जिनमें 3 महिलाओं के नाम भी शामिल थे, सरकारी नियमानुसार जिन लोगों के नाम के खोखे निकले हैं, उनको खोखे पर मौजूद होना अनिवार्य रहता है और खोखे पर उसी का नाम भी लिखा होना जरूरी है लेकिन देखने में आया है कि खोखों पर न तो वे व्यक्ति मौजूद थे जिनके नाम ड्रा में निकले है और न ही खोखों पर उनके नाम लिखे हुए थे। इसके विपरीत कुछ होलसेल व रिटेलरों के नाम कुछ खोखों पर जरूर लिखे हुए थे।
सुबह 10:30 से 7:30 बजे तक ही बेचे जा सकते हैं पटाखे
सरकार के आदेशानुसार जिन लोगों से अस्थायी लाइसैंस जारी किए गए हैं, वह न्यू अमृतसर में सुबह 10:30 से लेकर शाम 7.30 बजे तक ही पटाखों की बिक्री कर सकते है। बिक्री करने वाले पटाखें भी ग्रीन पटाखे होने जरूरी है। हालांकि पिछले वर्षों के दौरान देखने में आया है कि रात को 10.11 बजे तक भी पटाखों की बिक्री होती रही है लेकिन इस बार पुलिस की तरफ से सख्त आदेश है कि 7.30 बजे के बाद कोई भी दुकान खुली न रहे।
अमृतसर जिले में पराली जलने के 1454 मामले, अजनाला अव्वल
जिला प्रशासन को पराली जलाने के मामले में सैटेलाइट्स की तरफ से भेजे गए मैसेज में अमृतसर जिले में अब तक 1454 मामले सामने आ चुके है। इनमें से अधिकतर क्षेत्रों में प्रशासन की तरफ से तैनात किए गए नोडल अधिकारी, कलस्टर अधिकारी व पुलिस की तरफ से मौके पर जाकर कानूनी कार्रवाई की गई है। पराली जलाने के मामले में कस्बा अजनाला इस समय सबसे ज्यादा आगे है, जिसमें अभी तक 401 मामले सामने आ चुके है जबकि ब्यास के क्षेत्र में 383 मामले सामने आए हैं।
कानून का उल्लंघन करने पर होगी सख्त कार्रवाई
डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने बताया कि पटाखों व पराली जलाने के मामले में कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन की तरफ से दीवाली वाले दिन पटाखे चलाने के लिए रात 8 से लेकर 10 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। उन्होंने लोगों से ग्रीन पटाखे चलाने की अपील की ताकि पर्यावरण प्रदूषित न हो सके।