इस बार घी के दीपक जलाकर मनाया जाएगा यह त्यौहार ।

अमृतसर – दिवाली का त्योहार सिख समुदाय द्वारा बंदी छोड़ दिवस के रूप में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर श्रद्धालु गुरु घर के दर्शन करने आते हैं। आज इस पवित्र दिन के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने श्री दरबार साहिब में माथा टेका। संगत ने दरबार साहिब पहुंचकर माथा टेका और पवित्र सरोवर में स्नान कर गुरु का आशीर्वाद प्राप्त किया।

 

इसी दिन मीरी पीरी के मालिक श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी ग्वालियर किले में से 52 राजाओं रिहा होकर आए थे। रिहा होने के बाद वह श्री अमृतसर साहिब पहुंचे। श्री गुरु हरगोबिंद साहिब ग्वालियर की कैद से बंदी राजाओं को मुक्त करवा कर बंदीछोड़ सतगुरु बने।  इस खुशी में सिख श्रद्धालुओं ने अमृतसर में घी के दीपक जलाकर उनका स्वागत किया। उनके आगमन की खुशी में संगत ने श्री हरमंदिर साहिब में दीपमाला की।

 

 

बंदी छोड़ दिवस के मौके पर आतिशबाजी नहीं होगी और इस बार घी के दीपक जलाकर मनाया जाएगा।

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