हर साल इस समय वायु प्रदूषण की समस्या आ ही जाती है और इसका सबसे अधिक प्रभाव दिल्ली में देखने को मिलता है। दिल्ली और दिल्ली एनसीआर इस वक्त प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। इतना ही नहीं प्रदूषण की वजह से सेहत से जुड़ी कई सारी समस्याएं भी खड़ी हो गई हैं। जहरीली धुंध के कारण लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है, जिसके चलते मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी गई है। इतना ही नहीं डॉक्टर्स ने स्मॉग से बचकर रहने को कहा है और साथ ही अलर्ट रहने को भी कह रहे हैं।
AIIMS के न्यूरो सर्जन विपुल गुप्ता ने कहा
एक इंटरव्यू के दौरान AIIMS के न्यूरो सर्जन विपुल गुप्ता ने कहा कि वायु प्रदूषण की वजह से सिर्फ फेफड़ों पर ही नही प्रभाव पड़ता बल्कि दिल और दिमाग पर भी इसका गहरा असर पड़ता है, जिस कारण हार्ट अटैक और ब्रेन हेमरेज जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इससे बचने के लिए उन्होंने एयर प्यूरीफायर और मास्क का उपयोग करने को कहा है । साथ ही डॉक्टर विपुल ने ये भी बताया के प्रदूषण हमारी बॉडी में एक कण के रूप में एंटर करता है। यह खून में मिल कर ब्लड प्रेशर और ब्लॉकेज की संभावना को बढ़ाता है। उन्होंने ने पहले से बीमार लोगों को पूल्यूशन के ज्यादा संपर्क में आने से बचने को कहा है।
WHO ने आपने एक शोध में बताया था कि
सरकार से लेकर प्रशासन तक हर कोई एयर पॉल्यूशन से निपटने के लिए कदम उठा रहा है। लेकिन, इस बार हालात बेकाबू दिखाई दे रहे हैं। डॉक्टर गुप्ता ने आगे बताया कि 2015 में WHO ने आपने एक शोध में बताया था कि 20% मौत के मामले ब्रेन स्ट्रोक के आ रहे हैं और 20 से 25% मामले हार्ट अटैक के आ रहे हैं। जिसमें प्रदूषण एक सबसे बड़ा कारण है। आमतौर पर हम लोग प्रदूषण को इग्नोर करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं सिर्फ 10 माइक्रोग्राम पीएम 2.5% बढ़ने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। बता दें कि दिल्ली में AQI 700 से ऊपर जा रहा है। जिसके कारण प्रदूषण सिर्फ घर के बाहर ही नही है, बल्कि घर के अंदर भी इसका असर बढ़ता जा रहा है। इससे बचने के लिए घर को बंद रखना चाहिए और अच्छी क्वालिटी का एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना चाहिए।
प्रदूषण से क्या समस्याएं आ रही हैं
दिल्ली और दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की वजह से लोगों की आंखों में जलन, सीने में जलन, गले में खरास की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। जहरीली धुंध के कारण लोगों का सांस लेने में समस्या हो रही है। दिल्ली की सड़कों पर टैंकरों के जरिये पानी का छिड़काव कर धूल को नीचे बैठाने की कोशिश की जा रही है। ताकि इससे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में सुधार हो सके। लेकिन इन सबसे कोई असर दिखाई नही देह रहा है। दिल्ली में औसतन एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार देखा जा रहा है।