एस.जी.पी.सी. द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब के नए जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को बनाया गया है जबकि पहले ज्ञानी हरप्रीत सिंह इस जिम्मेदारी को निभा रहे थे। श्री अकाल तख्त साहिब के नए जत्थेदार बनने के बाद ज्ञानी रघबीर सिंह मीडिया के सामने रू-ब-रू हुए और उन्होंने कहा कि संगत की सेवा हमेशा चढ़दी कला में रहेगी। श्री अकाल तख्त की सेवा जिम्मेदारी वाली सेवा है। उनकी ओर से जिम्मेदारी निभाने की पूरी तरह कोशिश रहेगी। बता दें कि ज्ञानी रघबीर सिंह श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार थे लेकिन अब ज्ञानी सुल्तान सिंह को केसगढ़ का जत्थेदार का चार्ज दिया गया है।
उन्होंने कहा कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने स्वेच्छा के साथ पद छोड़ा है। उन्होंने कहा कि वह 6 वर्ष इकट्ठे रहे हैं। वह पहले भी ज्ञानी हरप्रीत सिंह के साथ साल-मशवरा करके काम करते थे वह अब भी उनके तालमेल बनाकर काम करते रहेंगे। ज्ञानी सुलतान सिंह को तख्त श्री केसगढ़ के नए जत्थेदार लगाया गया है। उन्होंने कहा कि वह पंथ का विश्वास बनाए रखेंगे। गुरु कृपा व संगत के सहयोग से सेवाएं निभाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर मंड पंथक एकता की ओर कदम बढ़ाया है तो यह बहुत खुशी की बात है। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि सिख कौम के नाम संदेश देते हुए कहा कि गुरु की कृपा से पंथ का प्रेम व दर्द हर सिख के दिल में है। जिस समय पंथ की चढ़दी कला की बात होगी तो वहां पंथ इकट्ठा होता रहेगा। ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब एक केंद्रीय निशान है। युगो-युग अटल पावन स्थान है। यह आन-बान व शान का प्रतीक है। सारे कार्य एकजुट होकर करें।