‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पुलिस से भागते हुए आधे माह से ज्यादा समय बीत चुका है। उसकी तलाश में पंजाब पुलिस और राज्य की खुफिया एजेंसियों की भी सांस फूलने लगी हैं। उसकी लोकेशन के खुलासे होने के बावजूद उसे गिरफ्तार करना पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती है। इस बीच शीर्ष खुफिया सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि अमृतपाल फरार होने के बाद से ही पपलप्रीत पर निर्भर था। अमृतपाल के चाचा चाहते थे कि व सरेंडर कर दे, लेकिन पपलप्रीत ने उसे ऐसा नहीं करने दिया। सूत्रों का कहना है कि अमृतपाल पपलप्रीत की ही सलाह पर फरार हुआ है।
शरण देने वाली सभी महिलाएं पपलप्रीत की दोस्त
एक मीडिया रिपोर्ट में शीर्ष खुफिया सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अमृतपाल के लिए नए-नए ठिकानों की तलाश भी पपलप्रीत ही कर रहा था।पटियाला में जिस बलबीर कौर के पास अमृतपाल ठहरा था, वह भी पपलप्रीत को जानती थी। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में कुलविंदर कौर ने भी अमृतपाल को शरण दी थी और वह भी पपलप्रीत की भी परिचित थी। यानी अमृतपाल को शरण देने वाली ज्यादातर महिलाएं पपलप्रीत की दोस्ती थी। खुफिया सूत्रों का कहना है कि पपलप्रीत के खिलाफ अब अंतर्राष्ट्रीय जासूसी एजेंसियों से संबंधों और उनसे मिलने वाले फंड की जांच की जा रही है। पपलप्रीत संगरूर के सांसद सिमीत सिंह मान का भी समर्थक रह चुका है। गांव में आयोजित सरबत खालसा में उसने सक्रिय भूमिका निभाई थी।
पपलप्रीत पर कई मामले दर्ज
खुफिया सूत्रों का कहना है कि पपलप्रीत पर अब देश के खिलाफ राजद्रोह, दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और साइबर आतंकवाद के अलावा साजिश रचने के मामले दर्ज किए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि पपलप्रीत के पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी कट्टरपंथियों से भी संबंध है।