6 महीने से कम उम्र के शिशु के लिए कुछ विटामिन विशेष रूप से जरूरी होते हैं क्योंकि इस आयु में बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बहुत तेजी से होता है. खासकर विटामिन डी, विटामिन A, आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड और विटामिन सी जैसे विटामिन इन बच्चों के लिए बेहद जरूरी होते हैं. ये विटामिन बच्चों की हड्डियों के विकास, दिमागी क्षमता को बढ़ाने और रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने में मुख्य निभाते हैं. शिशु को मां के दूध से लगभग सभी प्रकार के विटामिन मिल जाते हैं जो उनके लिए बेहद जरूरी होते हैं. लेकिन विटामिन D सीधे सूरज की धूप से प्राप्त किया जा है. इस विटामिन का शिशु में सबसे ज्यादा कमी हो रही है. इसलिए डॉक्टर नवजात शिशु को रोजाना सही समय पर धूप लेने की सलाह देते हैं.
क्यों नहीं मिल पा रहा धूप
विटामिन डी को आमतौर पर धूप से मिलने वाले विटामिन के रूप में जाना जाता है क्योंकि ये हमारे शरीर में तब बनता है जब त्वचा पर सूरज की किरणें पड़ती हैं लेकिन आज कल बहुमंजिली इमारतों और घने होते जा रहे मोहल्लों में शिशु, बच्चों और बड़े सभी को धूप ठीक तरह से नहीं मिल पा रही है और घर में भी हमेशा नमी बनी रहती है. वहीं कुछ लोग अपने घरों में चारों तरफ से इतने पर्दे आदि लगा कर रखते हैं कि सूर्य की किरण घरों के अंदर पहुंच ही नहीं पाती. यही वजह है कि धूप न मिलने के कारण शिशुओं में विटामिन डी की कमी हो रही है
शिशु के लिए विटामिन D बहुत जरूरी
विटामिन D शिशु के शरीर के लिए एक बेहद आवश्यक पोषक तत्व है. विटामिन D का सीधा संबंध हड्डियों और दांतों के सही विकास से है. यह विटामिन कैल्शियम और फॉस्फोरस को अवशोषित करने में मदद करता है, जिससे हड्डियां मजबूत एवं घनी होती हैं, शिशुओं में विटामिन D की कमी से हड्डियों का नरम होना, रिकेट्स रोग और दातों के विकास संबंधी समस्याएं होती हैं. विटामिन डी के महत्व को देखते हुए डॉक्टर नवजात शिशुओं को विटामिन डी सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं. यह सप्लीमेंट ड्रॉप के रूप में होता है जो शिशु को रोजाना दिया जा सकता है.