National Highway को लेकर ताजा Update

 किसानों द्वारा धन्नोवाली के पास नैशनल हाईवे पर लगाया धरना आज भी जारी है। जानकारी मिली है कि किसानों को आज  दोपहर 12 बजे सरकार से बातचीत का न्यौता मिला है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर सरकार से बात सफल होती है तो धरना हटा लिया जाएगा नहीं तो नैशनल हाईवे पर धरना जारी रखने के साथ-साथ रेल यातायात भी ठप्प करेंगे।

फगवाड़ा की तरफ जाने वाले वाहनों को रामा मंडी से पीछे ही रोक लिए जाने के कारण पूरी तरह से सड़क पर सुनसान दिखाई दे रही है। आज सुबह किसानों को आश्वासन देकर उनका धरना खत्म करवाने के लिए डी.सी.पी. हरविंदर सिंह विर्क ए.डी.सी.पी. सिटी 1 बलविंदर सिंह रंधावा ए.सी.पी. जालंधर कैंट अर्षप्रीत सिंह, एसीपी जालंधर सेंट्रल निर्मल सिंह एवं थाना रामा मंडी के प्रभारी राजेश कुमार अरोड़ा मौके पर पहुंचे लेकिन किसानों ने अपना धरना खत्म नहीं किया।  और कहा कि जब तक उनकी मांगों को लेकर सरकार द्वारा कोई उनसे मीटिंग नहीं की जाती तब तक वह इस धरने को जारी रखेंगे।

आपको बता दें कि रात भर किसानों द्वारा अपनी मांगों को लेकर धरना जारी रखा गया, जिस कारण हाजारों लोग जाम में फंसे रहे। मरीजों को लेकर जाने वाली एम्बूलैंसें भी जाम में फंसी रहीं। बसों में जाने वाले यात्रियों को लगे जाम के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ा क्योंकि बसें भी अड्डे से बाहर नहीं निकल सकीं। हालांकि दोनों साइड से सर्विस लाइन खुली हुई थीं लेकिन हाईवे मार्ग पूरी तरह से बंद था। फगवाड़ा की तरफ जाने वाले लोगों को कैंट रोड से निकल कर जाना पड़ा लेकिन आगे जाकर वह फिर जाम में फंस गए। जाम के कारण लोगों को भारी नुक्सान झेलना पड़ा है।

किसान नेताओं ने कहा कि इसके लिए पंजाब सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। सरकार ने ही उन्हें धरना-प्रदर्शन करने के लिए मजबूर किया है। किसान संगठनों द्वारा पहले 9 नवंबर को धरना लगाने की घोषणा की गई थी लेकिन 8 नवंबर को कृषि मंत्री पंजाब ने उनसे मीटिंग कर आश्वासन दिया था कि 21 नवंबर को गन्ना मिल चल पड़ेंगी और गन्ने के रेट सबंधी 16 नवम्बर को मुख्य मंत्री पंजाब भगवंत मान खुद शूगर फैड से मीटिंग करेंगे लेकिन यह मीटिंग 15 नवंबर की शाम को ही रद्द कर दी गई, जिसके बाद किसान संगठनों ने फैसला किया कि 21 नवंबर को धन्नोवाली के पास नैशनल हाईवे पर धरना लगाकर रोष प्रदर्शन किया जाएगा और आज यह धरना शुरू कर दिया गया जो कि तब तक जारी रहेगा जब तक पंजाब सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं कर देती।

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