चंडीगढ़ : पंजाब के पर्यटन विभाग का नया कारनामा सामने आया है। सूत्रों की मानें तो पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामले विभाग के सुपरिंटैंडैंट, पर्यटन अधिकारी, पंजाब हैरीटेज एवं टूरिज्म प्रोमोशन बोर्ड के मैनेजर संबंधित अधिकारियों से छुट्टी की मंजूरी लिए बगैर ही कार्यालयों से नदारद हो रहे हैं। उच्च अधिकारियों को सूचित किए बगैर कनिष्ठ कर्मचारियों पर काम का बोझ लाद कर ये अधिकारी सार्वजनिक कार्यों को पूरा नहीं होने दे रहे।
पंजाब के पर्यटन और सांस्कृतिक मामले विभाग के प्रमुख सचिव कार्यालय ने पर्यटन विभाग के अतिरिक्त निदेशक को इस बाबत नोटिस जारी कर भविष्य में ऐसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों केखिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की बात भी कही है। नोटिस में कहा गया-छुट्टी के लिए लिखित आवेदन अनिवार्य पर्यटन विभाग में चल रहे अधिकारियों के मनमाने रवैये से परेशान आकर पंजाब सरकार के सचिव कार्यालय ने विभाग को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि सरकार की जानकारी में आया है कि विभाग के अधिकारी एवं कुछ कर्मचारी लापरवाही भरा रवैया अपनाते हुए कार्यालय से गैर-हाजिर हो रहे हैं।
नोटिस में कहा गया है कि अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी को छुट्टी लेनी है तो उसे बाकायदा छुट्टी लेने से पहले लिखित तौर पर आवेदन करना होगा और आवेदन मंजूर होने के बाद ही संबंधित आवेदनकर्ता छुट्टी पर जा सकता है। भविष्य में ऐसा नहीं होना चाहिए। ऐसा होता है तो ऐसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
ध्यान रहे कि मार्च के महीने में पंजाब सरकार ने सभी विभागों को एक पत्र जारी कर विशेष निर्देश जारी किए थे कि किसी भी विभाग का कोई भी अधिकारी संबंधित विभाग के उच्च अधिकारी से मंजूरी हासिल किए बगैर मुख्यालय को नहीं छोड़ेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी अधिकारी की गैर-मौजूदगी से विभागों से जुड़े सार्वजनिक कार्य प्रभावित न हों।
बजट सत्र में भी उठ चुका है मामला
सिर्फ इतना ही नहीं प्रशासनिक सुधार मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने पिछले दिनों पंजाब के बजट सत्र के दौरान भी यह मसला उठाया था कि प्रदेश के विभिन्न विभागों के अधिकारी छुट्टी की मंजूरी हासिल किए बगैर ही स्टेशन छोड़ देते हैं। ऐसा करने से सार्वजनिक कार्यों पर बुरा असर पड़ रहा है। मंत्री ने सत्र के दौरान भी विभागों को इस बाबत दिशा-निर्देश जारी किए जाने की बात कही थी।