मौसम अब ठंडा होने लगा है. जिसकी वजह से सर्दी-खांसी और सांस लेने की समस्याएं बढ़ने लगी हैं. मौसम में बदलाव के चलते यह समस्या काफी आम है लेकिन अगर लंबे समय से ऐसा हो रहा है तो सावधान हो जाना चाहिए. क्योंकि कुछ स्थितियों में सांस की समस्या निमोनिया (Pneumonia) की वजह से भी हो सकता है. जिस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. निमोनिया फेफड़ों का संक्रमण होता है, जो खांसने, छींकने, छूने या कीटाणु युक्त हवा में सांस लेने से फैलती है. बच्चों और बुजर्गों में इसकी समस्या ज्यादा होती है. कई बार तो इसकी वजह से जान भई जा सकती है. इसी की जागरुकता के लिए हर साल 12 नवंबर को निमोनिया दिवस (World Pneumonia Day 2023) मनाया जाता है. आइए जानते हैं कि निमोनिया के लक्षण, बचाव और सावधानियां…
निमोनिया क्या होता है
निमोनिया एक तरह का संक्रमण है, जिसमें फेफड़ों में वायु की थैलियां सूज जाती हैं. जिसमें मवाद भर जाता है. जिसकी वजह से कफ या मवाद के साथ खांसी, बुखार, ठंड लगने या सांस लेने में परेशानी होती है. निमोनिया अक्सर बैक्टीरिया, वायरस और कवक जैसे जीवाणुओं के कारण निमोनिया का खतरा हो सकता है. छोटे बच्चों और 65 साल से ज्यादा उम्र वालों के साथ कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए यह समस्या बेहद गंभीर है.
निमोनिया का सबसे ज्यादा खतरा किसे
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, निमोनिया का खतरा वैसे तो किसी को भी हो सकता है लेकिन कुछ स्थितियां ऐसी होती हैं, जिसमें इसका जोखिम बढ़ सकता है. अस्पताल में इंटेंसिव केयर यूनिट में भर्ती मरीज अगर वेंटिलेटर पर हैं तो निमोनिया का खतरा हो सकता है. इसके अलावा अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) या हार्ट डिजीज वाले मरीजों में भी निमोनिया का खतरा ज्यादा रहता है. अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि धूम्रपान भी निमोनिया पैदा करने वाले बैक्टीरिया और वायरस के खिलाफ शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकता है. इसकी वजह से रिस्क बढ़ सकता है.
निमोनिया के लक्षण
सांस लेने या खांसी आने पर सीने में दर्द होना
खांसी के साथ बहुत ज्यादा कफ आना
थकान-बुखार, पसीना और कंपकंपी लगना
मतली, उल्टी या दस्त की समस्या होना
सामान्य खांसी-जुकाम में निमोनिया की पहचान
खांसी-जुकाम निमोनिया का प्रमुख कारण है लेकिन यह कैसे पता किया जाए कि निमोनिया है कि नहीं, इसके लिए सामान्य सर्दी और फ्लू के उलट निमोनिया फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं पैदा करता है. इसकी वजह से सांस लेने में परेशानी हो सकती है. सामान्य सर्दी जुकाम तीन से चार दिन में कुछ इलाज से ही ठीक हो जाता है लेकिन निमोनिया में बेहतर इलाज, एंटीबायोटिक्स की जरूरत हो सकती है. समय पर अगर इलाज न मिले तो संक्रमण का खतरा भी हो सकता है. सामान्य सर्दी जुकाम में कफ आने या सांस की परेशानी कम होती है लेकिन निमोनियां में ये समस्याएं काफी बढ़ जाती हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.