पटियाला: पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि एक्साइज में घपला दिल्ली में ही नहीं बल्कि पंजाब में भी हुआ है। अरविन्द केजरीवाल और भगवंत मान लोगों के टैक्स के पैसे और सरकारी खजाने को लूटने की कला में माहिर हैं। सिद्धू पटियाला में अपने घर में पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे। सिद्धू ने आम आदमी पार्टी की एक्साइज पॉलिसी के घपलों का पर्दाफाश करते हुए कहा कि जिस तरह दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल ने नई एक्साइज पॉलिसी लागू करके लोगों के पैसे को लूटा और अब पंजाब में भी वही पॉलिसी है। सिद्धू ने दावा किया कि 300-400 करोड़ का नहीं बल्कि 30-40 हजार करोड़ का घपला है।
उन्होंने बताया कि पहले दिल्ली में यह पॉलिसी लागू की गई और 3 महीने बाद वापस ले ली गई, यदि वह सार्वजनिक हित में थी तो फिर वापस क्यों ली? जब शोर मचा तो वापस ले ली गई परंतु पंजाब में यह पॉलिसी आज भी लागू है। सिद्धू ने दिल्ली बारे कुछ आंकड़े पेश करते हुए बताया कि पिछले साल इस नीति को लागू करने से पहले दिल्ली में 7860 करोड़ रुपए की सालाना बिक्री पर 378 करोड़ रुपए राजस्व था, परन्तु केजरीवाल की नई आबकारी नीति में सालाना 13,560 करोड़ रुपए की बिक्री हुई परंतु राजस्व कम होकर सिर्फ 312 करोड़ रुपए रह गया। यह अंतर दिल्ली में ‘आप’ सरकार द्वारा निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए किए गए एक योजनाबद्ध तरीके के साथ किया गया भ्रष्टाचार है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पिछली पॉलिसी के दौरान उपभोक्ता के लिए 530 रुपए बोतल की कीमत थी, जिसमें रिटेलर माॢजन 33 रुपए और सरकारी आबकारी राजस्व 329 रुपए था जबकि केजरीवाल सरकार की नीति से बोतल की कीमत बढ़कर 560 रुपए हो गई और इस नई नीति ने रिटेलर माॢजन को 363 रुपए तक बढ़ा दिया और सरकार का आबकारी राजस्व 8 रुपए रह गया।
सिद्धू ने कहा कि पंजाब की भगवंत मान सरकार भी उसी रास्ते पर चल रही है जिसमें चुने हुए लोगों को एल वन के लाइसैंस दिए जा रहे हैं और सरकारी राजस्व के साथ समझौता किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने दावा किया था कि 20,000 करोड़ एक्साइज से और 20,000 करोड़ माइनिंग से इकट्ठे किए जाएंगे, परंतु एक्साइज से 4 से 6 हजार करोड़ और माइङ्क्षनग से सिर्फ 200 करोड़ रुपए का वित्त इकट्ठा हो रहा है। कारण है कि ‘आप’ सरकार ने एक्साइज के मामले में जो निगम बनाने की बात की थी, वह नहीं बनाया बल्कि ठेकेदारों के भार के नीचे ही दब गए। सिद्धू ने कहा कि जिन राज्यों ने निगम बना कर शराब बेची उन राज्यों जैसे तमिलनाडु का सालाना वित्त 44,098 करोड़ रुपए है, जिसमें 407 करोड़ रुपए लाइसैंस फीस से, कर्नाटक का वित्त 29,920 करोड़ रुपए सालाना है। केरल की एक्साइज से सालाना आय 16,100 करोड़ रुपए है इसमें लाइसैंस फीस 407 करोड़ और तेलंगाना का वित्त 31,077 करोड़ सालाना है और उसमें अकेले लाइसैंस फीस से 3500 करोड़ की आय हो रही है।