‘इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ के मुताबिक कोविड-19 वैक्सीन की वजह से ‘यंग एज ग्रुप’ में अचानक होने वाली मौत का खतरा नहीं बढ़ा है. रिसर्च में यह बात साफ कही गई कि जिन कारणों की वजह से यंग एज ग्रुप में मृत्यु का जोखिम बढ़ा है वह काफी समय तक कोविड की बीमारी से पीड़ित रहना. काफी ज्यादा ड्रिंक करना कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कोविड से बहुत ज्यादा बीमार थे और उसके बाद उन्होंने बहुत ज्यादा एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटी किया है. भारत में 18-45 वर्ष की आयु के वयस्कों में अचानक होने वाली मौतों से जुड़े कई कारणों को इस रिसर्च में शामिल किया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने यह कहा
आईसीएमआर रिसर्च का हवाला देते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने रविवार को गुजरात के भावनगर में कहा कि जो लोग पहले से ही गंभीर रूप से कोविड की बीमारी से पीड़ित थे. उन्हें दिल के दौरे और कार्डियक अरेस्ट से बचने के लिए एक या दो साल तक खुद पर अधिक मेहनत नहीं करनी चाहिए. भारत में स्वस्थ्य युवा वयस्कों में अचानक होने वाली मौतों की वास्तविक रिपोर्टों ने शोधकर्ताओं को जांच करने के लिए प्रेरित किया. सूत्रों ने कहा कि मौतों ने चिंता पैदा कर दी है कि वे कोविड-19 या बीमारी के खिलाफ टीकाकरण से संबंधित हो सकते हैं.
यह रिसर्च 18-45 उम्र के लोगों पर किया गया है
यह अध्ययन भारत में स्वस्थ्य युवा वयस्कों के बीच अचानक वाली मौतों में योगदान देने वाले कारकों की जांच के लिए आयोजित किया गया था.अध्ययन में 18-45 वर्ष की आयु के स्पष्ट रूप से स्वस्थ व्यक्तियों के मामले शामिल थे. जिनमें कोई अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या नहीं थी, जिनकी 1 अक्टूबर, 2021 और 31 मार्च, 2023 के बीच अस्पष्ट कारणों से अचानक मृत्यु हो गई.
इन चीजों के आधार पर किया गया रिसर्च
सूत्रों ने कहा कि प्रत्येक मामले के लिए, उम्र, लिंग और इलाके के आधार पर चार मिलान नियंत्रण चुने गए. जांचकर्ताओं ने 729 मामलों और 2,916 नियंत्रणों को नामांकित किया और दोनों मामलों और नियंत्रणों से पहलुओं के बारे में जानकारी एकत्र की, जैसे उनका चिकित्सा इतिहास, धूम्रपान, शराब का उपयोग और तीव्र शारीरिक गतिविधि जैसे व्यवहार, क्या वे कोविड के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे और क्या उन्हें कोई टीका लगाया गया था.
कोविड-19 टीकाकरण से भारत में युवा वयस्कों में अचानक मौत का खतरा नहीं बढ़ा. वास्तव में, सीओवीआईडी-19 टीकाकरण से वयस्कों में अचानक मौत का खतरा कम हो गया. जिन कारकों ने अचानक मृत्यु की संभावना को बढ़ाया. उनमें अतीत में सीओवीआईडी -19 से पीड़ित होने पर काफी दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना और ज्यादा शराब पीना और ज्यादा एक्सरसाइज करना शामिल है.