ग्यासपुरा के सुआ रोड पर गत दिवस दिमाग में गैस चढ़ने से 11 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे में मारे गए गोयल करियाना स्टोर के मालिक सहित परिवार के 3 सदस्यों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए ग्यासपुरा स्थित श्मशानघाट में लाया गया। जहां सौरव गोयल व उसकी पत्नी प्रीति और मां कमलेश के शव का अंतिम संस्कार हुआ। सौरव और प्रीति का 8 महीने का बेटा आर्यन हादसे में बाल-बाल बच गया था जिसने माता-पिता और दादी के शवों को मुखाग्नि दी। वह बड़े गौर से अपने माता-पिता के शवों की तरफ देख रहा था। उस मासूम को तो यह भी नहीं पता था कि उसके माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे। यह देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंख छलक रही थी। रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल था। इस दौरान इलाके की विधायक रविंदरपाल कौर छीना भी मौजूद रही। उन्होंने पीड़ित परिवार के लोगों को सांत्वना दी।
भाई गौरव को अस्पताल से मिली छुट्टी
मृतक सौरव का भाई गौरव भी जहरीली गैस की चपेट में आ गया था। हादसे के बाद वह भी बेहोश हो गया था। जिसे सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। कल तक उसकी हालत ठीक नहीं थी। लेकिन सोमवार दोपहर तक उसकी हालत में काफी सुधार हुआ तो उसे छुट्टी दे दी गई। वह भी अपने परिवार के संस्कार में शामिल हुआ था। मगर उसे भी विश्वास नहीं हो रहा था कि उसकी मां, भाई और भाभी अब इस दुनिया में नहीं रहे।
अमित को खींच लाई मौत
गौरव ने बताया कि वह अलीगढ़ के गांव सुजापुर के रहने वाले हैं। अमित भी उनके गांव का ही रहने वाला था। वह कुछ दिन पहले ही अलीगढ़ से लुधियाना नौकरी के लिए आया था और कंपनी में काम करता था व वहीं पर रहता था। रविवार की सुबह वह सौरव से मिलने के लिए घर पर आया था ताकि उसे कह कर कहीं और नौकरी ढूंढ सके। लेकिन उसे क्या पता था कि वह नौकरी ढूंढने नहीं आया बल्कि मौत उसे यहां खींच कर लाई है। जब वह सुबह आया तो कुछ ही देर बाद यह हादसा हो गया जिसमें अमित की भी जान चली गई। उसके परिवार वाले अब अलीगढ़ से आए हैं। जोकि उसके शव को अलीगढ़ लेकर जा रहे हैं।
रिश्तेदार डॉक्टर परिवार के पांचों शव ले गए बिहार
इस हादसे में मरने वाले डॉक्टर परिवार के 5 लोगों के शव रिश्तेदार रात को ही बिहार स्थित गांव में ले गए थे। हादसे में डॉक्टर कविलाश, उसकी पत्नी वर्षा और 3 बच्चो अभय, आर्यन और कल्पना की मौत हो गई थी। बिहार से उनके रिश्तेदार लुधियाना पहुंचे और उनके शव एंबुलैंस के जरिए बिहार ले गए। ऐसे ही नवनीत और उसकी पत्नी नीतू के शवों को भी नवनीत का भाई नीतिन अपने साथ यू.पी. के जिला हाजीपुर स्थित गांव में ले गया था। जहां वह उनका संस्कार करेंगे।