पंजाब में अमृतपाल सिंह की घटना के बाद कनाडा में अलगाववादी कार्यकर्त्ता उग्र हो गए हैं और भारत-विरोधी कार्रवाइयों में जुट गए हैं। वहां रहने वाले बड़ी संख्या में सिख अलगाववादियों की इन हरकतों से परेशान हैं और उनका समर्थन नहीं करते। टोरंटो में एक इंडो-कनाडाई रैस्तरां के मालिक का दावा है कि अलगाववादी अपने एजैंडे को आगे बढ़ाने के लिए पंजाब से आने वाले नए छात्रों को लुभा रहे हैं और उनका इस्तेमाल कर रहे हैं।
नौकरी, आवास और भोजन की मदद के नाम पर इन छात्रों का ब्रेनवॉश कर रहे हैं और उन छात्रों को अलगाववादी प्रदर्शनों में शामिल किया जा रहा है। ब्रैम्पटन के एक उद्यमी सिख ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अमृतपाल की गिरफ्तारी को लेकर इंटरनैट सेवाओं पर प्रतिबंध के बाद पंजाब की स्थिति के बारे में ट्वीट करने में एन.डी.पी. नेता जगमीत सिंह, सांसद सोनिया सिद्धू और अन्य लोगों की तत्परता क्या कहती है? यह कट्टरपंथी वोट बैंक के इशारे पर किया गया। अधिकांश लोग बदले की कार्रवाई के डर से चुप हैं। अलगाववादियों के खिलाफ कोई भी मुंह नहीं खोलता, जिन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। कोई भी नेता जो उनके खिलाफ कुछ भी कहता है, उस पर गुरुद्वारों में प्रवेश और वैशाखी परेड में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है।