कोरोनावायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया को एक सबक तो जरूर दिया कि अपना हेल्थ का खूब ख्याल रखें. लोग अपने हेल्थ का खास ख्याल रख भी रहे हैं. ऐसे में कई लोग हैं जो ब्रेकफास्ट में अंडे की सफेदी (Egg Whites) खाना खूब पसंद करते हैं. कई लोग सिर्फ इसलिए एग का व्हाइट पार्ट खाते हैं क्योंकि यह वजन कम करने में हेल्प करता है. साथ ही साथ यह एक ऐसा नाश्ता है जिसे आप आसानी से फटाफट बना सकते हैं. लेकिन क्या आपको पता है खाली पेट अंडे का सफेदा हिस्सा आपके हेल्थ के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. आज हम इस आर्टिकल के जरिए पूरा अंडा और अंडे का सफेद हिस्सा रोजाना खाने के साइड इफेक्ट्स के बारे में बताने जा रहे हैं.
पूरे अंडे VS अंडे का सफेद भाग
‘ऑनली माई हेल्थ’ में छपी खबर के मुताबिक दिल्ली स्थित आहार विशेषज्ञ प्रिया बंसल, एमएससी न्यूट्रिशन, जो पहले अपोलो अस्पताल, दिल्ली में काम करती थीं. प्रिया बंसल के मुताबिक अंडा सोर्स ऑफ एनर्जी है. जिसमें कई तरह के पौष्टिक चीजें पाई जाती हैं. यह प्रोटीन, विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं. इनमें दो पार्ट होते हैं. जर्दी और अंडे का सफेद भाग. जर्दी में अधिकांश विटामिन, आयरन और हेल्दी होते हैं. जबकि अंडे का सफेद भाग मुख्य रूप से प्रोटीन से बना होता है. जब वजन घटाने की बात आती है, तो अंडे की सफेद हिस्सा अक्सर कम कैलोरी और हेल्दी फैट की मात्रा के कारण पसंद की जाती है.
अंडे का सफेद हिस्सा पोषण और कैलोरी
अंडे का सफेद भाग प्रोटीन का एक अच्छा सोर्स है. जिसे खाने से शरीर को सही मात्रा में अमीनो एसिड मिलते हैं. ‘अमेरिकी कृषि विभाग’ द्वारा पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक 33 ग्राम अंडे के सफेदा हिस्सा में आमतौर पर 17 कैलोरी , 4 ग्राम प्रोटीन और न्यूनतम मात्रा में हेल्दी फैट और कार्बोहाइड्रेट प्रदान करती है. इसी वजह से कई जिम ट्रेनर या फिटनेस ट्रेनर अंडे का सफेद हिस्सा ब्रेकफास्ट में खाते हैं क्योंकि इसमें कम कैलरी और ज्यादा प्रोटीन होता है.
खाली पेट अंडा के सफेद भाग खाने के साइड इफेक्ट्स
1. अंडे का सफेद भाग प्रोटीन तो देता है. अंडे के व्हाइट में विटामिन और आयरन की कमी होती है जो अंडे की जर्दी में पाई जाती है. बंसल ने कहा कि सिर्फ अंडे के सफेद हिस्सा पर निर्भर करने से आपके शरीर के पोषक तत्वों में कमी हो सकती है. क्योंकि शरीर ठीक से काम करे इसलिए शरीर को सभी तरह के पोषक तत्व की जरूरत पड़ती है.
बायोटिन की कमी
बायोटिन, जिसे विटामिन बी 7 भी कहा जाता है. यह विटामिन हेल्दी बालों, त्वचा और नाखूनों के लिए आवश्यक है. वहीं अंडे की सफेदी में एविडिन होता है. जो बायोटिन से बंध सकता है और इसके अवशोषण को रोक सकता है. बंसल ने चेतावनी दी कि पर्याप्त बायोटिन स्रोतों के बिना अत्यधिक मात्रा में अंडे का सफेद हिस्सा खाने से बायोटिन की कमी हो सकती है, जो भंगुर नाखून, बालों के झड़ने और त्वचा की समस्याओं के रूप में प्रकट हो सकती है.
हो सकती है एलर्जी
ज्यादा एग व्हाइट्स खाने से आपके शरीर पर खास तरह की एलर्जी हो सकती है. जैसे- पित्ती, खुजली, सांस लेने में कठिनाई और एनाफिलेक्सिस जैसी गंभीर रिएक्शन. बंसल ने सलाह दी कि अंडे के सफेद भाग खाने से जिन व्यक्तियों को एलर्जी होती है उन्हें थोड़ा सावधान रहना चाहिए. और उन्हें अपने डाइट में हेल्दी डाइट लेना चाहिए.
साल्मोनेला बैक्टीरिया का जोखिम बढ़ता है
साल्मोनेला बैक्टीरिया का जोखिम बढ़ता है और पके हुए अंडों में कम होता है. बंसल ने बताया कि ज्यादातर साल्मोनेला बैक्टीरिया अंडे की सफेदी में पाए जाते हैं और कच्चे या अधपके खाने से फूड पॉइजनिंग हो सकती है. इसलिए अंडे को खाने से पहले अच्छे से पकाना चाहिए.
पाचन संबंधी समस्याएं
बंसल ने कहा कि कुछ लोगों को अंडे का सफेदा हिस्सा खाने के बाद पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि सूजन, गैस या पेट की परेशानी. अंडे के सफेद हिस्सा में पाए जाने वाले प्रोटीन को पचाने में शरीर की कठिनाई के कारण ये लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं, विशेष रूप से मौजूदा पाचन विकार या संवेदनशीलता वाले लोगों में.